Wednesday, July 23, 2008
आँलपिन के बारे में...
कुछ अजीब सा नाम है... आँलपिन.. आप ज़रूर सोच रहे होंगें कि कितना चुभता सा शब्द है.. लेकिन ज़रा सोच कर देखिये इसका बड़ा ही गूढ़ अर्थ है...आँलपिन यानि जो सब चीजो को संजो के रखे। बेशक ये चुभती है.. लेकिन तमाम बिखरी चीजों को एकजुट भी करती है। अगर आँलपिन के चुभने से दर्द होता है तो आँलपिन से किसी कांटे का दर्द भी दूर होता है.. बस थोड़ा इस्तेमाल का फ़र्क है.. थोड़ा नज़रिये का.. मेरा ये ब्लॉग इसी फ़र्क की दास्तान है...
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1 comment:
कोई दर्द देता है तो कोई दर्द पर मरहम का काम करता है...तुम सही कह रहे हो...ऑलपिन बस समझने की बात है....समझ लिया..सही इस्तेमाल किया तो जरुरी सा लगने लगता है, नही समझा तो भले, कितना ही अच्छा हो, फायदेमंद हो... बस चुभता ही रहता है। तुम तो ब्लॉगिया गए है लेकिन हमे एक बार फिर ऑलपिन के दर्द से रुबरू करवा गए हो....हमारे जहन में भी ऑलपिन है कहीं...जो चुभता रहता है...कई बार हम भी लोगों को ऑलपिन जैसे ही लगते है,,,लेकिन हम भले ही कितने भी पैने हो चुभने में नहीं किसी के लिए कुछ कर गुजरने की हसरत हमेशा रखते है।
बाकी बात रही खबर की उसके लिए कुछ नहीं बोलुंगा क्योकि तुमने सब कुछ कह ही दिया है......चलो अब इंतजार रहेगा तुम्हारी अगली टीस का .......
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